उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा: शिक्षा किसी भी राष्ट्र की नींव होती है जब शिक्षा मजबूत होती है तो समाज प्रगति करता है और राष्ट्र उन्नति करता है भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा को सुधारने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में 3300 करोड़ रुपये की शिक्षा परियोजना का शुभारंभ किया जिससे राज्य के लाखों छात्रों और हजारों विद्यालयों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा|
शुरुआत का उद्देश्य: शिक्षा को मूलभूत अधिकार बनाना
उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है – “सबको शिक्षा अच्छी शिक्षा” लेकिन सिर्फ स्कूल भेजने से शिक्षा का उद्देश्य पूरा नहीं होता इसके लिए जरूरी है कि विद्यालयों की मूलभूत सुविधाएं अध्यापकों की गुणवत्ता और शिक्षण पद्धति में लगातार सुधार किया जाए इसी सोच के साथ यह 3300 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक निवेश किया गया है|
इस योजना के प्रमुख बिंदु:
1. स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प
राज्य के 1.8 लाख बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भवनों की मरम्मत क्लासरूम्स का नवीनीकरण डिजिटल स्मार्ट क्लास स्वच्छ शौचालय और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की जा रही है इससे बच्चों का स्कूल में आना और टिकना सुनिश्चित होगा|
2. डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम
शिक्षा को डिजिटली सशक्त बनाने के लिए हर विद्यालय में डिजिटल लर्निंग टूल्स इंटरनेट कनेक्टिविटी और इंटरएक्टिव लर्निंग मॉड्यूल्स को लागू किया जा रहा है इससे ग्रामीण क्षेत्र के छात्र भी तकनीक से जुड़ सकेंगे|
3. शिक्षकों का प्रशिक्षण और सशक्तिकरण
अच्छी शिक्षा के लिए प्रशिक्षित शिक्षक सबसे अहम हैं इसलिए योजना में टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम्स E-content प्रशिक्षण और नई शिक्षा नीति (NEP) आधारित शिक्षण तकनीकों को प्राथमिकता दी गई है|
4. “ऑपरेशन कायाकल्प” को बल
यह योजना ऑपरेशन कायाकल्प का विस्तार है जिसके अंतर्गत प्रत्येक स्कूल को 14 आवश्यक सुविधाओं से लैस करना अनिवार्य है – जैसे कि फर्नीचर स्वच्छता दीवारों पर शैक्षणिक चित्रण किचन गार्डन पुस्तकालय हैंडवॉश यूनिट आदि|
5. स्कूल प्रबंधन समितियों को सशक्त बनाना
अभिभावकों और समाज को भी शिक्षा सुधार में जोड़ा जा रहा है स्कूल प्रबंधन समितियों को वित्तीय निर्णय लेने गुणवत्ता मूल्यांकन और निगरानी में सक्रिय भूमिका दी जा रही है|
सीएम योगी आदित्यनाथ का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा:
“बच्चों को सिर्फ स्कूल भेजना पर्याप्त नहीं उन्हें गुणवत्तापूर्ण और सशक्त शिक्षा मिलनी चाहिए यह निवेश हमारे भविष्य में निवेश है”
उन्होंने यह भी कहा कि बेसिक शिक्षा के सुधार से न केवल साक्षरता दर बढ़ेगी बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास नेतृत्व क्षमता और नैतिक मूल्यों का भी विकास होगा|
लाभार्थियों की संख्या और असर
- 1 करोड़ से अधिक छात्र
- 1.8 लाख+ विद्यालय
- 4 लाख से अधिक शिक्षक
- 80+ जिलों में कार्यान्वयन
- शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में समान प्रभाव
योजना से होने वाले फायदे
- ड्रॉपआउट दर में कमी
- विद्यालयों में छात्र नामांकन में वृद्धि
- ग्रामीण शिक्षा में डिजिटल क्रांति
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
- अंतरराज्यीय शिक्षा प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश की स्थिति में सुधार
सरकारी सहयोग और निगरानी तंत्र
प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) का गठन किया गया है जो प्रत्येक योजना की माहवारी समीक्षा फील्ड विज़िट और शिक्षकों/छात्रों की प्रतिक्रिया एकत्र करेगी ताकि योजना में आवश्यकतानुसार बदलाव किए जा सकें
क्या कहते हैं शिक्षक और अभिभावक?
- शिक्षक संध्या सिंह (बहराइच): “पहली बार ऐसा लग रहा है कि हमें सिखाने के साथ सिखाया भी जा रहा है”
- अभिभावक रामकुमार यादव (आजमगढ़): “अब बच्चों को गांव में भी अच्छे स्कूल मिलने लगे हैं ये बड़ा बदलाव है”